अर्ध काल सर्प दोष के असर, उपाय और निवारण
अर्ध कालसर्प दोष : हिन्दू वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार काल सर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में सभी सात ग्रह राहु केतु धुरी रेखा के एक ही ओर हों और कोई भी ग्रह दूसरी तरफ न हो | यदि कोई एक भी ग्रह इस धुरी रेखा के अंदर न हो अथवा दूसरी तरफ हो तो ऐसे योग को ही अर्ध काल सर्प दोष कहा जाता है |
अर्ध कालसर्प दोष के कुप्रभाव उतने हानिकारक नहीं होते जितने कि पूर्ण काल सर्प दोष के किन्तु फिर भी यदि इस दोष का समय पर पता लग जाए और इसका निवारण कर दिया जाए तो जातक के जीवन में इसके दुष्प्रभाव अच्छे प्रभाव में परिवर्तित हो जाते है और जातक को अनेकों लाभ भी देकर जाते है |
हम आपको इस लेख में यह बताएँगे कि अर्ध काल सर्प दोष के जातक के जीवन में क्या प्रभाव हो सकते है ,यह दोष कैसे कुंडली में देखा जा सकता है , जातक उनसे बचने के लिए क्या क्या उपाय कर सकता है और कैसे जातक त्रयंबकेश्वर मंदिर में इस पूजा के लिए विचार कर सकता है.
अर्ध कालसर्प दोष के प्रभाव
यदि कोई जातक अर्ध काल सर्प दोष के प्रभावित हो तो उनको स्वप्न में कुछ बुरी बुरी चीज़ें दिखाई देंगी | इससे उनकी नींद में व्यवधान उत्पन्न होगा | उनका मन भय और नकारात्मक विचारों से भर जाएगा।
जिन भी जातकों की कुंडली में अर्ध काल सर्प दोष होता है, वे नींद से विचलित होकर उठ जाते है और अनियमित नींद से पीड़ित होते हैं | इन्हे सपने में कई सांप दिखाई देते है और उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि ये सांप उनके शरीर पर लिपट रहे है, इससे वे अचानक दर जाते है और कई बार नींद में उठते है | उनको लगातार ऐसा महसूस होता है कि उनके करीब कोई खड़ा है |
जिनकी कुंडली में अर्ध काल सर्प दोष के प्रभाव में हैं, उनके परिवार में अक्सर वाद विवाद बना रहता है |उनका सारा प्रयास और परिश्रम उनके अनुरूप सफल नहीं होता। उनके दुश्मनों की सूची भी बढ़ती रहती है।
कैसे जाने आपकी कुंडली में है यह दोष ?
हिंदू ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में सभी सात ग्रह राहु और केतु के अक्ष के एक ही तरफ हैं, और एक भी ग्रह इस अक्ष के दूसरी तरफ नहीं है, तो पूर्ण काल सर्प दोष होता है। यदि इस अक्ष से एक भी ग्रह बाहर या दूसरी तरफ है, तो यह दोष अर्ध काल सर्प दोष होता है |
अर्ध कालसर्प दोष के उपाय
अर्ध काल सर्प दोष से बचने के लिए जातक निम्न उपाय कर सकता है | हालांकि कोई भी उपाय अपनाने से पहले आप जरुरी रूप से किसी प्रकांड विद्वान से सलाह जरूर ले लें | आप इसके लिए पंदिर श्री गणेश शास्त्री जी से भी निशुल्क राय ले सकते है | आपको इस जानकारी हेतु अपनी कुंडली पंडित जी के साथ साझा कीजिये |
- भगवान शिव की आराधना करना
- नियमित मंत्रोच्चारण करना व मन में जाप करते रहना
- नाग पंचमी को व्रत धारण करना
- शिव मंदिर में अर्ध काल सर्प दोष निवारण पूजा
सबसे पहले जातक को यह चाहिए कि वह यह जान ले कि उसकी कुंडली पर काल सर्प आंशिक रूप से है या पूर्ण रूप से है | यदि वह यह जानकारी प्राप्त कर ले तो फिर उसके अनुसार ही, उसका निवारण पंडित जी की मदद से कर सकते है | काल सर्प दोष एक भयंकर ज्योतिषीय दशा है, जिससे जातकों को अपने जीवन में कई कठिनाइयों का समाना कर पड़ता है | यदि जातकों को समय पर इस दोष का ज्ञान हो जाता है तो वे इसका समय रहते उचित उपाय कर सकते है और इस गंम्भीर दोष से मुक्ति भी पा सकते है | इससे उनका जीवन सुखदायी हो सकता है | यदि जातक इन दोषों को जानकर भी नजरअंदाज करते है तो वे इस दोष से जीवन भर परेशान रहते है |
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